लंका दहन Lanka Dahan

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Q.हनुमान ने लंका दहन कैसे किया?
Ans.हनुमानजी अट्टहास करके गरजे और बढ़कर आकाश से जा लगे। तब वे अपनी जलती हुई पूंछ से दौड़कर एक महल से दूसरे महल पर चढ़कर उनमें आग लगाने लगे। देखते ही देखते नगर जलने लगता है और चारों ओर अफरा-तफरी व चीख-पुकार मच जाती है। पुराणों में लंकादहन के पीछे भी एक ओर रोचक बात जुड़ी है।
Q.लंका दहन कैसे हुआ?
Ans.महादेव की माया से विश्रवा का मन उस नगरी पर ललचा गया था, इसलिए उन्होंने महादेव से दक्षिणा के रूप में महल ही मांग लिया। महादेव ने विश्रवा को लंकापुरी दान कर दी। … शाप के कारण शिव के अवतार हनुमान जी ने लंका जलाई और विश्रवा के पुत्र रावण, कुंभकर्ण और कुल का विनाश हुआ।
Q.लंका जाते समय राम ने हनुमान को क्या दिया?
Ans.हनुमान, अंगद, जामवंत, नल और को साथ लेकर सुग्रीव वहाँ पहुँचे। … समुद्र पर चर्चा – हनुमान ने राम को सीता द्वारा दिया हुई।
Q.हनुमान जी ने लंका क्यों जलाई?
Ans.विभीषण, रावण का छोटा भाई था। जब हनुमानजी, माता सीता को खोजने लंका गए, तब रावण ने हनुमानजी की पूंछ में आग प्रज्वलित करवा दी। हनुमानजी ने अपनी जलती पूंछ से पूरी लंका को जला दिया। लेकिन उन्होंने अशोक वाटिका को इसलिए नहीं जलाया क्योंकि वहां माता सीता रहती थीं
Q.हनुमान जी ने लंका में आग कैसे लगाए?
Ans. सीता जी का पता लगाते लगते जब हनुमान लंका पहुचे, तो अशोक वाटिका में माता सीता को देख प्रभु श्रीराम की निशानी दी। अशोक वाटिका में फल खाकर व पेड़ों को तोड़ते देख रावण के सैनिक हनुमान को बंधक बनाकर रावण के सामने पेश किया। रावण ने पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया। पूंछ में आग लगाते ही हनुमान ने लंका में आग लगा दी।
Q.हनुमान जी ने सीता को कैसे पता लगाया?
Ans.सीता माता की खोज के लिए अंगद कहते हैं कि हनुमान जी से शक्तिशाली कोई नहीं है और समुद्र को सिर्फ वही लांघ सकते हैं। … तब जामवंत हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाते हैं। शक्तियां याद आने के बाद समुद्र लांघकर वे लंका पहुंच जाते हैं। यहां वे रावण के राजमहल में सीता जी को खोजते हैं, पर वे वहां नहीं मिलतीं।
Q.रावण कहाँ रहता था?
Ans.आज के युग के अनुसार रावण का राज्य विस्तार, इंडोनेशिया, मलेशिया, बर्मा, दक्षिण भारत के कुछ राज्य और संपूर्ण श्रीलंका पर रावण का राज था। श्रीलंका की श्रीरामायण रिसर्च कमेटी के अनुसार रामायण काल से जुड़ी लंका वास्तव में श्रीलंका ही है।
Q.लंका दहन के बाद क्या हुआ?
Ans.हनुमान जी को लगा कि जब उन्होंने पूरी लंका जला दी, तो माता सीता भी उसमें जल गईं होगी। यह सोचकर उन्हें आत्मग्लानि हुई कि वे प्रभु श्रीराम की मदद के लिए आए थे और यहां आकर उन्होंने लंका जलाकर माता सीता का अहित कर दिया। जब सीता ही नहीं रहीं तो राम भला कैसे जी पाएंगे।
Q.रावण ने हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश क्यों दिया?
Ans.रावण विभीषण व अपने मंत्रियों की बात पर सहमत हो गया व उसने हनुमान को मृत्यु दंड देने की आज्ञा वापस ले ली। इसके बाद रावण ने हनुमान की पूँछ में आग लगाने का सोचा क्योंकि वानरों को अपनी पूँछ से अत्यधिक प्रेम होता है।
Q.हनुमान की पूंछ में आग कौन लगाया?
Ans.राघौगढ़. भगवान राम की लीलाओं के लिए चल रही रामलीला के दौरान शनिवार को लंका दहन का अद्भूद संवाद का मंचन किया। जिसमें रावण द्वारा हनुमान की पूछ में लगवाई गई। आग रावण पर भारी पड़ गई, जब हनुमान की पूछ से पूरी लंका जल गई।
Q.रावण का असली नाम क्या है?
Ans. रावण का असली नाम दशग्रीव था
Q.हनुमान की शक्ति कब व किसने जगाई?
Ans.को यह समुद्र पार करना होगा। सीता तक लेकिन उन्हें स्वयं इसका अनुमान नहीं है। पहुँचने का बस यही एक रास्ता है।” उनकी सोई हुई शक्ति जामवंत ने जगाई। सीता की सूचना मिलने से प्रसन्न हुआ कहा, “हनुमान!
Q.हनुमान की छलांग से पर्वत की क्या दशा हुई?
Ans.पर्वत के हिलने से उसकी कई चट्टानें और वृक्ष उखड़कर नीचे गिरने लगे। तब हनुमान वायु की गति से उड़ने लगे। उनके उड़ने की अत्यंत वेग के कारण उनके साथ वृक्ष भी हवा में उड़ने लगे और बाद में वे वृक्ष एक-एक करके समुद्र में गिरने लगे। … * राक्षसी माया का वध : समुद्र में एक राक्षसी रहती थी।
- पद्मपुराण तथा श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार हिरण्याक्ष एवं हिरण्यकशिपु, दूसरे जन्म में रावण और कुम्भकर्ण के रूप में पैदा हुए।
- वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण पुलस्त्य मुनि का पौत्र था अर्थात् उनके पुत्र विश्रवा का पुत्र था।
Q.रावण की जाति क्या है?
Ans.रावण महर्षि विश्वा तथा कैकसी का पुत्र था। महर्षि विश्वा महर्षि पुलत्स्य के पुत्र थे। इसलिए रावण ब्राह्मण जाति का था। किंतु वह अपनी माता की तरफ से राक्षस जाति का भी था।
Q.सुपनखा का असली नाम क्या था?
Ans.शूर्पणखा (=शूर्प नखा ; तद्भव : सुपनखा या सूपनखा) रामायण की एक दुष्ट पात्र है। वह रावण की बहन थी। सूपे जैसी नाखूनों की स्वामिनी होने के कारण उसका नाम शूर्पणखा पड़ा। परन्तु सूप नखा नाम नाक की बनावट से संबंधित भी हो सकता है क्योंकि उसका नाक सूपड़ा (सूपड़ा=सूप गेहूं फटकने का एक बर्तन होता ) के समान हो गया था।
Q.श्रीलंका भारत से अलग क्यों हुआ?
Ans.अंग्रेज काल में अंग्रेजों ने ‘फूट डालो राज करो’ की नीति के तहत तमिल और सिंहलियों के बीच सांप्रदायिक एकता को बिगाड़ा गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 4 फरवरी 1948 को श्रीलंका को पूर्ण स्वतंत्रता मिली।
Q.श्रीलंका को स्वतंत्रता कब मिली?
Ans.यह आन्दोलन बीसवीं शताब्दी के आरम्भिक दिनों में शुरू हुआ। इसका नेतृत्व शिक्षित मध्यम वर्ग ने किया और अन्ततः 4 फरवरी 1948 को ‘डोमिनियन स्टेट’ के रूप में श्री लंका को स्वतंत्रता मिल गयी। अगले चौबीस वर्षों तक श्री लंका डोमिनियन स्टेट बना रहा और २२ मई १९७२ को गणतंत्र बना।
Q.श्रीलंका को पूर्व का मोती क्यों कहा जाता है?
Ans.श्रीलंका को ‘पूर्व का मोती’ या ‘रत्नदीप’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह एक छोटा सा द्वीप है और यहां की भूमि तटीय मैदानों और पहाड़ियों से भरी पड़ी है
Q.हनुमान जी की शक्ति क्या है?
Ans.हनुमान जी को कई देवी-देवताओं ने वरदान स्वरूप उन्हें शक्तियां दी हैं। अकेले देवी सीता ने उन्हें अष्ठ सिद्धियां दी हैं। इंद्र और सूर्य जैसे देवों ने भी उन्हें प्रसन्न हो कर कई शक्तियों का वरदान दिया है। … हनुमान जी के पास ऐसी चमत्कारिक शक्तियां हैं कि वे मच्छर से छोटा और हिमालय से भी बड़ा रूप धारण कर सकते हैं।
Q.जामवंत किसका पुत्र था?
Ans.जामवन्त का जन्म : माना जाता है कि देवासुर संग्राम में देवताओं की सहायता के लिए जामवन्त का जन्म अग्नि के पुत्र के रूप में हुआ था। उनकी माता एक गंधर्व कन्या थीं। सृष्टि के आदि में प्रथम कल्प के सतयुग में जामवन्तजी उत्पन्न हुए थे। जामवन्त ने अपने सामने ही वामन अवतार को देखा था।
Q.जामवंत हनुमान के बारे में क्या जानते थे?
Ans.कहते हैं कि जामवंत की आयु परशुराम और हनुमान जी से भी ज्यादा थी। जामवंत का जन्म सतयुग में राजा बलि के काल में हुआ था। जामवंत के नाम का उल्लेख त्रेतायुग और द्वापर युग में भी मिलता है। हनुमान जी।
Q.जामवंत किसका अवतार था?
Ans.जांबवंत जी का जन्म ब्रह्मा जी से ही हुआ था उनके पत्नी का नाम जयवंती था। यह जब जवान थे, तब भगवन त्रिविक्रम वामन जी का अवतार हुआ।
Q.लंका जाते समय राम ने हनुमान को क्या दिया?
Ans.हनुमान, अंगद, जामवंत, नल और को साथ लेकर सुग्रीव वहाँ पहुँचे। … समुद्र पर चर्चा – हनुमान ने राम को सीता द्वारा दिया हुई।
- दे
- वा
- स
Q.सीता माता के भाई कौन थे ?
Ans.ऐसी वाणी सुनकर राजा जनक ने महर्षि वशिष्ठ एवं विश्वामित्र से इस बारे में पूछा। दोनों ही ऋषि इस रहस्य को जानते थे अतः उन्होंने इसकी आज्ञा दे दी। इस प्रकार सभी की आज्ञा पाकर मंगलदेव ने माता सीता के भाई के रूप में सारी रस्में निभाई।
Q.रामजी ने क्या कहकर हनुमान जी को गले से लगा लिया?
Ans.श्री राम ने उठाकर उन्हें गले से लगा लिया। हनुमान जी ने कहा, ”प्रभो! आप तो सारे संसार के स्वामी हैं
Q.हनुमान जब वृक्ष पर बैठे थे तो उन्होंने क्या देखा?
Ans.हनुमान जब वृक्ष पर बैठे थे तो उन्होंने क्या देखा? … सीता के पूछने पर हनुमान ने कहा कि वे श्रीराम के दास हैं और किष्किंधा के वानरराज सुग्रीव का अनुचर| उन्होंने मुझे यहाँ आपका समाचार लेने भेजा है।
Q.त्रिजटा ने कौन सा सपना देखा था?
Ans.रामायण (Ramayan) को टीवी पर देखते समय सभी ने देखा कि किस तरह अशोक वाटिका में एक राक्षसी त्रिजटा (Trijata) सीता (Sita) की मदद करती है. उसने सपने में राम की जीत देखी थी.
Q.लंका छोड़ने से पहले हनुमान ने उत्पात क्यों मचाया?
Ans.हनुमान रावण के दर्शन करना चाहते थे इसलिए उन्होंने उत्पात मचाया।
Q.त्रिजटा कौन थी?
Ans.त्रिजटा रावण की नगरी में एक ऐसी राक्षसी थी (Trijata In Hindi) जिसका जन्म तो राक्षस कुल में हुआ था लेकिन उसका हृदय देवियों के समान पवित्र था। … रावण के द्वारा माता सीता का अपहरण किये जाने के पश्चात उसे अशोक वाटिका में रखा गया था जहाँ माता त्रिजटा को ही उनकी सुरक्षा का उत्तरदायित्व सौंपा गया था
Q.हनुमान जी की गदा का वजन कितना था?
Ans.भारत के रामायण रिसर्च सेंटर द्वारा किए जा रहे हैं। शोध के बाद खुदाई में हनुमान की विशालकाय गदा प्राप्त हुई है जिसका वजन 1000 किलो से भी अधिक है।
Q.हनुमान जी में कितना बल था?
Ans.प्रखण्ड क्षेत्र के बिरनियां पंचायत की सीमा से सटे कल्याणपुर पंचायत के पियारफेड में चल रहे श्री श्री 108 रामचरितमानस नवाह परायण महायज्ञ के मौके पर मध्यप्रदेश के जबलपुर से पधारीं कथावाचक शिरोमणि जी ने हनुमत चरित की व्याख्या करते हुए कहा कि हनुमानजी अतुलित बल के धाम हैं,
Q.राम की खड़ाऊ किसकी बनी थी?
Ans.वह खडाऊं उसी tadka की हड्डियो की बनी थी ।
Q.रामायण में राम जी को मार्ग बताने वाले 2 लोग कौन कौन थे?
Ans.कुछ संकेत नहीं मिलता। पुराणों में वर्णन है कि श्री राम ने बहुत बार तीर्थ यात्राएं की थीं। … पंचवटी के आगे जिन स्थलों पर केवल श्री राम, लक्ष्मण तथा कष्किंधा से आगे जहां भी राम, लक्ष्मण, सुग्रीव तथा हनुमान हैं वे सभी स्थल वनवास यात्रा से संबंधित हैं।
Q.श्रीराम वन में क्या लेने गए?
Ans.उपरोक्त श्लोक से यह ज्ञात होता है कि प्रभु श्रीराम मांस सेवन करते थे लेकिन वन जाने से पूर्व उन्होंने प्रतिज्ञा ली की मैं मांस का सेवन नहीं करूंगा। … लेकिन प्रभु श्रीराम ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि चूंकि में जंगल में जा रहा हूं तथापि मैं किसी भी स्थिति में मांस का सेवन नहीं करूंगा।
Q.केवट ने राम से अंगूठी क्यों नहीं ली?
Ans.इस दोहे का अर्थ यह है कि जब सीता ने श्रीराम के चेहरे पर संकोच के भाव देखे तो सीता ने तुरंत ही अपनी अंगूठी उतारकर उस केवट को भेंट स्वरूप देनी चाही, लेकिन केवट ने अंगूठी नहीं ली। केवट ने कहा कि वनवास पूरा करने के बाद लौटते समय आप मुझे जो भी देंगे मैं उसे प्रसाद स्वरूप स्वीकार कर लूंगा।
Q.श्रीलंका में रावण को क्या मानते हैं?
Ans.श्रीलंका में कई लोग मानते हैं कि रावण एक दयालु राजा और विद्वान था. कुछ भारतीय धर्मग्रंथ भी उन्हें “महा ब्राह्मण” के रूप में वर्णित करते हैं, जिसका अर्थ है एक महान ब्राह्मण या एक महान विद्वान. रामायण के अनुसार, रावण के पास पुष्पक नाम का एक विमान था. इसी विमान पर उसने सीता माता का अपहरण किया था
Q.लंका को श्रीलंका क्यों कहते हैं?
Ans.1972 तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे 1972 में बदलकर लंका तथा 1978 में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द “श्री” जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। श्री लंका में (वेदास) जनजाति पायी जाती है।
Q.रामायण में रावण का जन्म कब हुआ था?
Ans.वरवर्णिनी के कुबेर को जन्म देने पर सौतिया डाह वश कैकसी ने अशुभ समय में गर्भ धारण किया। इसी कारण से उसके गर्भ से रावण तथा कुंभकर्ण जैसे क्रूर स्वभाव वाले भयंकर राक्षस उत्पन्न हुए। तुलसीदास जी के रामचरितमानस में रावण का जन्म शाप के कारण हुआ है। वे नारद एवं प्रतापभानु की कथाओं को रावण के जन्म का कारण बताते हैं।
Q.रावण कौन से वंश का था?
Ans.इनसे इक्ष्वाकु वंश की शुरुआत हुई। इक्ष्वाकु वैवस्तु मनु के पुत्र बताए जाते हैं। इक्ष्वाकु वंश के राजा अनरण्य अयोध्या में राज करते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण एक बार इक्ष्वाकु वंश के राजा अनरण्य के पास पहुंचा और युद्ध करने या फिर पराजय स्वीकार करने के लिए ललकारा।
Q.रावण की मृत्यु कब हुई थी?
Ans.पद्म पुराण के पातालखंड इसका विवरण है ”युद्धकाल पौष शुक्ल द्वितीया से चैत्र कृष्ण चौदस तक (87 दिन)” 15 दिन अलग अलग युद्धबंदी 72 दिन चले महासंग्राम में लंकाधिराज रावण का संहार क्वार सुदी दशमी को नहीं चैत्र वदी चतुर्दशी को हुआ।
Q.रावण के 10 नाम कौन कौन से हैं?
Ans.रावण के 10 सिर के 10 अर्थ हैं या ये कहें कि वे 10 बुराइयों के प्रतीक माने जाते हैं। पहला काम, दूसरा क्रोध, तीसरा लोभ, चौथा मोह, पांचवां मादा (गौरव), छठां ईर्ष्या, सातवां मन, आठवां ज्ञान, नौवां चित्त और दसवां अहंकार।
Q.रावण से पहले लंका का राजा कौन था?
Ans.कुबेर को हिंदू पौराणिक ग्रंथों में ना केवल धनपति और धन का देवता माना जाता है बल्कि वह यक्षों के राजा भी हैं. पुराण ये कहते हैं कि कुबेर से भी पहले माली, सुमाली और माल्यवान नाम के तीन राक्षसों ने त्रिकुट सुबेल यानि सुमेरु पर्वत पर लंकापुरी बसाई थी
Q.रावण का महल कहाँ है?
Ans.रावण का महल : श्रीलंका में नुआरा एलिया पहाड़ियों के आसपास स्थित रावण फॉल, रावण गुफाएं, अशोक वाटिका, खंडहर हो चुके विभीषण के महल आदि की पुरातात्विक जांच से इनके रामायण काल के होने की पुष्टि होती है। सीता एलिया में स्थित अशोक वाटिका से कुछ दूर ही रावण का महल स्थित था।
Q.मंदोदरी की मृत्यु कैसे हुई?
Ans.पुराणों के अनुसार भगवान राम ने जब युद्ध के मैदान में रावण पर विजय हासिल कर ली और उसे मार गिराया तब जाकर युद्ध खत्म हुआ और उसके बाद लंका की महारानी मंदोदरी युद्ध स्थल पर आईं और वहीं जब पति और पुत्रों को मृत पाया तो वह विलाप करने लगीं।
Q.मंदोदरी की बहन कौन थी?
Ans.मन्दोदरी रामायण के पात्र, पंच-कन्याओं में से एक हैं जिन्हें चिर-कुमारी कहा गया है। मन्दोदरी मयदानव(मायासुर) और अप्सरा हेमा की पुत्री थी। उसका विवाह लंकापति रावण के साथ हुआ था।
Q.मंदोदरी के कितने पति थे?
Ans.सनातन धर्म मंदोदरी के दो पति थे, कथा जानकर चौंक जाएंगे पुलस्त्य ऋषि के पुत्र और महर्षि अगस्त्य के भाई महर्षि विश्रवा ने राक्षसराज सुमाली और ताड़का की पुत्री राजकुमारी कैकसी से विवाह किया था।
Q.रावण के पुत्र कितने थे?
Ans.मंदोदरी राजा मायासुर और अप्सरा हेमी की पुत्री थीं. प्रचलित कथाओं के मुताबिक रावण के सात पुत्र थे जिनमें से पहली पत्नी से मेघनाद (इंद्रजीत) और अक्षय कुमार. दूसरी पत्नी से त्रिशिरा और अतिकाय. तीसरी पत्नी से एक पुत्र प्रहस्था था.
Q.हनुमान लंका कैसे पहुंचे?
Ans.हनुमानजी के लंका जाने के बारे में लोगों की भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। कुछ मानते हैं कि वे तैरकर गए थे, कुछ के अनुसार वे उड़कर गए थे और कुछ के अनुसार वे छल्लांग लगाते हुए या एक टापू से दूसरे टापू पर कूदते हुए गए थे।
Q.हनुमान ने लंका पहुंचकर सीता को खोजने के लिए क्या किया?
Ans.सुग्रीव अपने किए पर पछताते हुए वानरी सेना को सीता का पता लगाने के लिए भेजते हंै। हनुमान, अंगद व जामवंत के नेतृत्व में एक दल दक्षिण दिशा में जाता है। श्रीराम हनुमान को अपनी मुद्रिका देते हुए सीता को देने के लिए कहते हैं।
Q.लंका में आग क्यों लगी?
Ans.रावण लंका का राजा था जिसे अपने बल व पराक्रम पर बहुत घमंड था। इसी अहंकार में उसने स्वयं माता लक्ष्मी के रूप माता सीता का अपहरण कर लिया था
Q.सहस्त्र रावण कौन था?
Ans.बड़े का नाम सहस्त्रमुख रावण था और छोटे का नाम दशमुख रावण । दशमुख रावण ब्रह्मा के वरदान से तीनों लोको को जीतकर लंका मे निवास करता है और बड़ा पुत्र पुष्करद्विप में अपने नाना सुमालि के पास रहता है । वह बडा बलवान है। मेरु को सरसों के समान, समुद्र को गायके खुर और तीनों लोकों को तृणके समान समझता है ।
Q.रावण के बाबा का क्या नाम था?
Ans.रावण के पिता का नाम ऋषि विश्वश्रवा था. उसकी माता का नाम कैकसी थी. कैकसी ऋषि विश्वश्रवा की दूसरी पत्नी थीं. ऋषि विश्वश्रवा की पहली पत्नी इलाविडा थी, जिनसे रावण से पहले कुबेर का जन्म हुआ था.
Q.रावण के पिता जी का क्या नाम था?
Ans.रावण के माता पिता : ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य ऋषि हुए।
विश्रवा की पहली पत्नी भारद्वाज की पुत्री देवांगना थी जिसका पुत्र कुबेर था। विश्रवा की दूसरी पत्नी दैत्यराज सुमाली की पुत्री कैकसी थी जिसकी संतानें रावण, कुंभकर्ण, विभीषण और सूर्पणखा थीं। खर, दूषण, कुम्भिनी, अहिरावण और कुबेर रावण के सगे भाई बहन नहीं थे।
Q.रावण की बेटी का क्या नाम था?
Ans.थाइलैंड में जो रामायण है उसके अनुसार सीता रावण की बेटी थी, जिसे एक भविष्यवाणी के बाद रावण ने ज़मीन में दफ़ना दिया था. भविष्यवाणी में कहा गया था कि ‘यही लड़की तेरी मौत का कारण बनेगी’. बाद में देवी सीता जनक को मिलीं. यही कारण था कि रावण ने कभी भी देवी सीता के साथ बुरा बर्ताव नहीं किया.
Q.रावण की मृत्यु के बाद शूर्पणखा का क्या हुआ?
Ans.रावण की बहन शूर्पणखा के बारे में कहा जाता है कि रावण की मृत्यु के पश्चात वह वनवास चली गई थी और उसने तपस्या कर मुक्ति प्राप्त की थी लेकिन इसके बाद उसका कहीं पर कोई उल्लेख नहीं है। … गंगा न केवल शूर्पणखा के वंश की है बल्कि सरकार द्वारा उन्हें बाकायदा पेंशन और तनख्वाह तक दी जाती है।
Q.रामायण में शूर्पणखा का क्या हुआ?
Ans.ग्रंथों के अनुसार, रावण की बहन शूर्पणखा ने पंचवटी में राम-लक्ष्मण के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था और देवी सीता को मारने की कोशिश की थी। फलस्वरूप लक्ष्मण ने यहीं पर शूर्पणखा की नाक काट दी थी।
Q.सूर्पनखा के पुत्र का नाम क्या था?
Ans.विश्रभा
Q.मेघनाथ पूर्व जन्म में कौन था?
Ans.मंदोदरी महान ऋषि कश्यप के पुत्र मायासुर की गोद ली हुई पुत्री थी, रावण से शादी के पच्यात मंदोदरी के तीन पुत्र हुए जिनका नाम मेघनाद अक्षकुमार और अतिक्य था कुछ कथाओं के अनुसार मंदोदरी अपने पूर्व जन्म में एक मेंडकी थी और सप्तऋषि के आशीर्वाद से उन्हें मनुष्य रूप मिला था।
Q.श्रीलंका भारत से अलग कब हुआ?
Ans.इसे 1948 में अंग्रेजों से आजादी मिल गई और इसने 1972 में अपने देश का नाम श्रीलंका रख लिया।
Q.हनुमान जी की शक्ति कैसे प्राप्त करें?
Ans.शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से लाल आसन पर हनुमान जी की प्रतिष्ठित मूर्ति करके उसके सामने घी का दीपक जला कर लाल चंदन की माला अथवा मूंगे की माला पर नित्य 11 माला 40 दिन फेरने से भी उनकी सिद्धि प्राप्त हो सकती है। साथ ही इन मंत्रों का जाप करें। – ऊँ हुँ हुँ हनुमतये फट्।
Q.लंका से अयोध्या तक सभी कैसे पहुँचे?
Ans.कई लोग इस पोस्ट से सहमत हैं तो कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए हैं कि राम पैदल नहीं, पुष्पक विमान से लंका से अयोध्या लौटे थे।
Q.सीता की उम्र कितनी है?
Ans.वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि विवाह के समय भगवान राम की आयु 13 वर्ष और माता सीता की आयु 6 वर्ष थी।
Q.मृत्यु के समय रावण की आयु कितनी थी?
Ans.इसलिए रावण की सही आयु का अनुमान लगाना काफी मुश्किल है उनकी उम्र करीब 800000 वर्षों के आसपास थी क्योंकि उसकी नाभि में अंतिर था इसलिए यदि श्री राम ने उसका वध नहीं किया होता तो शायद वो आज भी जीवित रहता।
Q.श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहते हैं?
Ans.मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, जिन्होंने त्रेता युग में रावण का संहार करने के लिए धरती पर अवतार लिया। राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्होंने कभी भी कहीं भी जीवन में मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया।
Q.राम सेतु कहाँ है?
Ans.कहां है राम सेतु ? भारत के दक्षिणपूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच चूने की उथली चट्टानों की चेन है, इसे भारत में रामसेतु और दुनिया में एडम्स ब्रिज (आदम का पुल) के नाम से जाना जाता है। इस पुल की लंबाई करीब 30 मील (48 किमी) है।
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